घुटने में दर्द का जादुई इलाज
घुटने का दर्द सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है और अचानक शुरू हो सकता है, ज्यादातर जोरदार व्यायाम या चोट के बाद। घुटने के दर्द के कुछ सामान्य कारणों में अचानक चोट लगना, अति प्रयोग से होने वाली चोट या गठिया जैसी अंतर्निहित स्थितियां हैं। घुटने की चोट के लक्षणों में जकड़न, दर्द और सूजन शामिल हो सकते हैं। घुटने का दर्द हल्की बेचैनी के रूप में भी शुरू हो सकता है, फिर धीरे-धीरे बढ़ता है और बदत्र हो जाता है। वैसे तो जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी वक्त आता है जब परेशानी व्यक्ति का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती। इस स्थिति में आकर व्यक्ति खुद से ही हार जाता है। ऐसे बहुत से व्यक्ति होते हैं जो लगातार परेशानी बने रहने के कारण जिंदगी से हिम्मत हार जाते हैं। लेकिन कुछ व्यक्ति साहस बनाये रखते हैं और जिंदगी की डोर को पकड़े रहते हैं। ऐसी ही एक आत्मकथा बताते हैं चंडीगढ़ की आशा कपूर जी की।
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गोंद सियाह
चंडीगढ़ की रहने वाली आशा जी एक गृहणी हैं और उनकी उम्र 77 साल है। आशा जी बहुत ही नरम स्वभाव और दयालु प्रवृत्ति की महिला हैं। आज की बात करें तो वह बहुत ही सुखद और स्वस्थ जीवन बिता रही हैं। लेकिन इस स्वस्थ जीवन के पीछे उन्होंने कितने दुख झेले हैं ये शायद आप सोच भी नहीं सकते। चलिए बात करते हैं आशा जी के जीवन की यात्रा की। आशा जी का छोटा सा परिवार है और अपने परिवार के साथ वह बहुत ही खुशी के साथ रहती थीं। आशा जी का परिवार उन्हें बहुत ही प्यार के साथ रखता है। करीब 13 साल पहले आशा जी के साथ एक एक्सीडेंट की घटना घटित हुई। जिसमें उनके एक घुटने में फ्रेक्चर हो गया। महीनों अस्पताल में रहने के बाद उन्हें घर लाया गया और उनका इलाज जारी रहा। अभी आशा जी पूरी तरह से स्वस्थ भी नहीं हुई थीं कि उनके दूसरे घुटने में धीरे-धीरे दर्द होना शुरू हो गया। फिर यही हादसा उनके साथ दोबारा हुआ। बाथरूम में नहाते हुए उनका घुटना अकड़ गया। जो कि उस समय काफी तकलीफदेह था। आशा जी को पहले से भी ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी। अब वे व्हील चैयर पर आ गयी थीं। उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना सब बंद हो गया। इसी स्थिति में कुछ महीनें और बीतें स्वास्थ्य हल्का सा ठीक हुआ और वे छड़ी के सहारे चलने लगीं। आशा जी को लगने लगा कि धीरे-धीरे अब वे स्वस्थ हो जायेंगी। लेकिन भाग्य में कुछ और ही लिखा था। वे अपने पड़ोस में किसी का घर देखने गयीं। तभी उनके साथ पहले दो हादसों से बड़ा तीसरा हादसा हुआ। वे घर में चल रही करीब 4 फुट की खाई में गिर गयीं। उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब वे बिल्कुल टूट चुकीं थी। बुढ़ापे की उम्र में आकर तीन-तीन हादसों का शिकार होना कोई आम बात नहीं है। आशा जी ने काफी दुखों का सामना किया और जिंदगी की डोर को पकड़े हुए आगे की तरफ बढ़ी। आशा जी काफी सशक्त महिला हैं। उन्होंने इतना सब कुछ होने के बाद भी खुद को सेहतमंद बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया और आखिर में उन्हें सफलता मिली भी।
उनके बेटे ने एक दिन उन्हें माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का नाम सुझाया और बताया कि हकीम जी के घरेलू नुस्खे तथा उनकी यूनानी औषधियाँ बहुत ही कारगर हैं। आशा जी ने बेटे की बात पर ध्यान देते हुए हकीम जी के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी को देखना शुरू किया। हकीम जी के शो को देखने के बाद आशा जी को धीरे-धीरे हकीम जी पर भरोसा हो गया। आशा जी के बेटे के दोस्त की माता जी हकीम जी की औषधियाँ इस्तेमाल करती थीं। इसी वजह से उन्होंने भी आशा जी को भी हकीम जी को फॉलो करने की सलाह दी। शुरूआत में तो आशा जी ने घर के घरेलू नुस्खे अपनाना शुरू किया। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने हकीम जी से अपनी समस्या के लिए औषधि जाननी चाही। हकीम जी ने उनके घुटनों के दर्द के लिए सबसे असरदार औषधि गोंद सियाह और S-CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। आशा जी ने Amazon से गोंद सियाह मंगाया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आशा जी का कहना है कि मुझे यकीन ही नहीं हुआ जिस समस्या से मैं पिछले कई सालों से परेशान थी, उसमें बहुत कम समय में ही आराम मिल गया। आशा जी को अपने घुटनों के दर्द में मात्र 40 दिन में फायदा हुआ। आशा जी की स्वस्थ होती तबियत देख परिवार के लोग भी काफी खुश होने लगे। आशा जी को अब 70 फीसदी आराम हो चुका है और धीरे-धीरे वह स्वस्थ होती नजर आ रही हैं।
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गोंद सियाह
आशा जी आज बेहतर और स्वस्थ जीवन बिता रही हैं। साथ ही लोगों को भी बताती हैं कि हकीम जी के यूनानी नुस्खे बहुत ही असरदार और कारगर हैं। वे आज जो भी अपना स्वस्थ जीवन बिता रही हैं उसकी वजह हकीम साहब ही हैं। वे हकीम जी को शुक्रिया अदा करके उनकी लंबी उम्र की दुआएं मांगती हैं। आशा जी का कहना है कि हकीम जी जिस भावना और प्यार के साथ लोगों की सेवा कर रहे हैं वह कोई और नहीं कर सकता। हकीम जी साक्षात भगवान का दूसरा रूप हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी) । यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, और शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।